केईएस श्रोफ़ कॉलेज मीडिया कॉन्फ़्रेंस में रमिरा तनेजा ने उठाए उद्योग की चुनौतियों के मुद्दे
कांदिवली स्थित केईएस श्रोफ़ कॉलेज में 12 और 13 सितम्बर को आयोजित दो दिवसीय मीडिया कॉन्फ़्रेंस में मीडिया और मनोरंजन उद्योग की बदलती चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। इस सम्मेलन की ख़ास झलकियों में से एक रही रमिरा तनेजा (फ़ाउंडर एवं सीईओ, रामिफ़ाई एंटरटेनमेंट) की पैनलिस्ट के रूप में भागीदारी कि जिन्होने कहा कि,”निर्माता उठाते हैं बोझ, प्लेटफ़ॉर्म्स उठाते हैं मुनाफा”
इस सत्र का संचालन जाने-माने शिक्षाविद प्रो. उज्जवल के. चौधरी ने किया। इसमें प्रमुख वक्ताओं के रूप में रोमिल धोधीवाला (एजीएम – मार्केटिंग, एलाइड डिजिटल) और गुंजन पाई (फ़ाउंडर, कॉपी लव) शामिल रहे। इसके अतिरिक्त प्रो. अम्बरीश सक्सेना (साउथ एशियन यूनिवर्सिटी), चिन्मय भावे (बीआईटीएस डिज़ाइन) और फ़िल्म फ़ेस्टिवल डायरेक्टर प्रवीण नागदा भी विशिष्ट प्रतिभागियों में रहे।
“हाइब्रिड वर्कफ़्लो इन मीडिया इंडस्ट्रीज़: एफिशिएंसी और एक्सप्लॉइटेशन” विषय पर बोलते हुए तनेजा ने साफ़ शब्दों में कहा कि मौजूदा दौर में कंटेंट क्रिएटर्स और प्रोड्यूसर्स पर बढ़ते आर्थिक दबाव सबसे बड़ी चुनौती हैं।
उन्होंने कहा,
“पूरा वित्तीय बोझ अब निर्माताओं और प्रोड्यूसर्स पर आ गया है। प्लेटफ़ॉर्म्स उनसे कह रहे हैं कि वे प्रोजेक्ट को ख़ुद फाइनेंस करें, उसे थिएटर्स में रिलीज़ करें और फिर प्लेटफ़ॉर्म तय करेगा कि वह कितने में ख़रीदेगा। इतना ही नहीं, वे पूरी आईपी (बौद्धिक संपदा) ख़रीदने की कोशिश करते हैं, जिससे निर्माताओं के पास कुछ नहीं बचता। ओटीटी राइट्स से कोई सुनिश्चित रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट नहीं है, और अब एआई के आने से आईपी की अवधारणा ही धुंधली होती जा रही है।”
जब उभरते फ़िल्म निर्माताओं के लिए समाधान पूछा गया तो तनेजा ने सामुदायिक निर्माण, एक से अधिक प्रोड्यूसर्स के बीच इक्विटी साझेदारी और क्राउडफंडिंग मॉडल को सतत विकास के लिए कारगर विकल्प बताया।
भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्र में एक उभरती हुई थॉट लीडर के रूप में रमिरा तनेजा अब प्रतिष्ठित मीडिया और फ़िल्म उद्योग मंचों, शैक्षणिक संस्थानों और फ़ेस्टिवल्स में पहली पसंद की वक्ता बनती जा रही हैं। सम्मेलन के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा:
“स्टेज साझा करना और मीडिया व्यवसाय की ज्वलंत चुनौतियों पर चर्चा करते हुए नई प्रतिभाओं को मार्गदर्शन देना एक समृद्ध अनुभव रहा। मैं प्रिंसिपल लिली भूषण और विधि राजोरा को इतना ज्ञानवर्धक सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई देती हूं।”
अपनी गहन दृष्टि और उद्योग की गहरी समझ के बल पर रमिरा तनेजा लगातार भारतीय मीडिया और मनोरंजन जगत के भविष्य पर होने वाली चर्चा में एक प्रभावशाली आवाज़ के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं।
By Sunder M